धर्म के ठेकेदार
धर्म के ठेकेदार
धर्म के ठेकेदार ये समझते हैं,
उनको हक है सब कुछ कहने का,
जो उनके विश्वास में विश्वास नहीं करते,
उनको यहाँ नहीं रहने का।
धर्म की पहचान वो करते हैं सबकी,
पूजा मंदिर में करने से,
लूट मचा रखी है वहाँ पर,
धोखा देते हैं भरोसे से।
कहते हैं विश्वास करो उन पर,
जो पत्थर रूप धारण किए बस्ता है,
मन से उसे खिलाओगे जब,
अर्दास वो पूरी करता है।
राम रहीम का धंधा यारो,
पूरी दुनिया में अब चलता है,
बड़े-बड़े ठग जाते इसमें,
किसी का कुछ नहीं बनता है।
एक दिन जाग जाएगी जब ये जनता,
पहचानेगी उस कुदरत को,
खुद में इनके जो राम छुपा है,
पहचानेगी उसकी फितरत को।
कुदरत ने जब बनाया हमको,
सब कुछ हमको दे दिया,
पहचानों उस ताकत को,
जिसने हमको बलवान किया।
जब तुम खुद में भरोसा करोगे,
राम रहीम दोनों मिल जाएंगे,
जो भी कठिनाई है तुम्हारे सामने,
मिल कर वो सुलझाएंगे।
मंदिर मस्जिद जाने से तुम,
किसी और राम रहीम से मिलते हो,
जिसको बनाया है इन ठगों ने,
उसकी पूजा करते हो।
कभी तो थोड़ा सोचो यारो,
ये चंदा कहाँ सब जाता है,
गरीबों के लिए ये कुछ नहीं करते,
इनके महल बनाता है।
ये नए राम रहीम को बनाने वाले,
तुमको नास्तिक कहते हैं,
जो दिन रात की मेहनत से,
उन सबका ध्यान वो रखते हैं।
खुदा ने बंदों को धरती पे,
इनके लिए नहीं बनाया था,
छोड़ दो देना दान इन सबको,
जो गरीबों के लिए रखवाया था।
जा कर उनका खुद ध्यान करो तुम,
दान करो वहाँ जा कर के,
दुआएं मिलेंगी तुमको उनसे,
जब हालात उन सबके सुधर जाएंगे।
ऐसा करने से फिर बदलेगा,
देश जहाँ पे तुम रहते हो,
कुछ भी कहे कोई तुमको आकर,
उनको वहीं पे रहने दो।
_राकेश शर्मा_
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