पागल इंसान
पागल इंसान
उठो उठो मेरे देशवासियों,
सुन लो अपने आपा की बात।
चीफ जस्टिस भारत का कहता,
भगवान चलता है उसके साथ।
जब पूछा अल्लाह के बारे,
इसको कुछ भी पता नहीं।
बार-बार ये राम दोहराता,
वही सब इसको दिखता है यहीं।
मानसिक रोग कहते हैं इसको,
जिसको ये सब दिखता है।
छोड़ दी कानून की पोथी इसने,
ये राम के नाम पे बिकता है।
सोचा था के इस पद पे ऐसे,
इंसान को बिठाना है।
देश का कानून मानेगा जो सब,
जहाँ इंसाफ़ जनता को दिलाना है।
इस पागल ने सब को बताया,
ये कभी भी वो इंसान ना था।
नफरत जिसके दिल में भरी थी,
जो बना हुआ है गुलाम उसका।
जनता अब जाकर इस से पूछे,
बताओ भगवान कैसा होता है?
जो इंसानों में नफरत भरता,
क्या ऐसा भी भगवान होता है?
अब सबको मालूम पड़ा है,
ऐसा इंसान चीफ जस्टिस कैसे बना।
देश बेचने वाले को जिसने,
कानून के दाई रे में दी पनाह।
ऐसे गद्दारों का भाइयों,
चेहरा सब नकाब करो।
मानसिक रोगी को चीफ जस्टिस बनाया,
सब दुनिया को बताया करो।
© Rakesh K Sharma
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