वोट चोर बेनक़ाब: बिहार में मोदी की गंदी चालें, रंगे हाथ पकड़े गए

 

वोट चोर बेनक़ाब: बिहार में मोदी की गंदी चालें, रंगे हाथ पकड़े गए

https://www.youtube.com/watch?v=-mBcTT3ZcF0

English Version: https://rakeshinsightfulgaze.blogspot.com/2025/08/vote-thief-exposed-modi-deploys-dirty.html

मोदी की बौखलाहट अब साफ़ झलक रही है। बिहार से उठी वह लहर, जिसे अब वह रोक नहीं पा रहे, पूरे भारत में जंगल की आग की तरह फैलने को तैयार है। जनता का ध्यान भटकाने के लिए, उन्होंने अपनी राजनीतिक टोपी से एक और “जादू” निकालने की कोशिश की। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के भाषण ख़त्म कर मंच से उतरने के बाद, एक planted शख्स ने माइक थामा और मोदी की माँ के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा उगली।

यह एक घटिया नाटक था जिससे महागठबंधन को कोई लाभ नहीं हो सकता था और भीड़ ने यह तुरंत समझ लिया। कुछ ही मिनटों में उस आदमी को समर्थकों ने पीट दिया और पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया। यह बात साफ़ तौर पर बीजेपी के रवैये के विपरीत थी, क्योंकि जब उनके नेता विपक्ष के नेताओं के ख़िलाफ़ गाली-गलौच करते हैं, तब उन्हें सज़ा तो छोड़िए, ढाल बनकर बचाया जाता है। मोदी ख़ुद कांग्रेस नेताओं के लिए ऐसी भाषा इस्तेमाल करने के लिए बदनाम हैं, जिसे सड़क पर झगड़ते बच्चे भी एक-दूसरे के लिए नहीं कहते।

लेकिन ग़ोदी मीडिया के लिए यह सोने पर सुहागा था। आखिरकार उनके पास राहुल और तेजस्वी की वोटिंग राइट्स रैली पर हमला करने का एक “मुद्दा” मिल गया। वे भूल गए कि उनके अपने नेताओं ने कितनी बार इसी तरह के अपराध किए हैं।

मगर यह स्पिन ज़्यादा देर तक नहीं चला। थोड़ी ही देर में उस शख्स की तस्वीरें सामने आईं, जिसमें वह बीजेपी नेताओं के साथ दिख रहा था। साफ़ हो गया कि यह भाड़े का मोहरा था, जिसे मोदी और उनकी पार्टी ने रैली बिगाड़ने और उसके संदेश को धुंधला करने के लिए भेजा था। यह वही पुराना मोदी प्लेबुक था: अराजकता फैलाओ, खुद को पीड़ित दिखाओ और सुर्ख़ियाँ बदल दो। लेकिन इस बार मुखौटा उतर गया।

यह प्रकरण साफ़ करता है कि बिहार में हार का ख़तरा मोदी और एनडीए को कितना डरा रहा है। और वे जानते हैं कि अगर बिहार हाथ से गया, तो केंद्र की सत्ता भी उनके हाथ से फिसल सकती है।

तो लीजिए, पेश है एक कविता, जो बयान करती है मोदी के दिमाग़ में चल रही उथल-पुथल और उस जनता के गुस्से को जो अब उन्हें बेनक़ाब करने से डरती नहीं।

 

मोदी के कारनामे

ये कैसे बतायें मोदी जी सबको,
अब राहुल से डर लगता है।
जनता का उमाड़ देखा बिहार में,
उससे ये सब डर लगता है।

अब चोरी भी पकड़ी गई मोदी की,
जो हर इलेक्शन में ये करते हैं।
चुराई हुई जीत से बन गए ये नेता,
देश को मिलकर ये लुटते हैं।

वोट चोर का नाम दिया है,
अब मोदी को इस दुनिया ने।
चेहरा छिपा कर घूम रहे हैं,
कह नहीं पा रहे, नहीं किया इसने।

जब हाथ तिजोरी में पकड़ा सबने,
फिर कैसे किसको समझायें ये।
ख़ून हाथों में सबको दिखता है,
फिर कैसे मना कर पायें ये।

नंगा कर राहुल ने मोदी को,
बीच सड़क के अब खड़ा किया।
वोट चोरी हार पहनाकर,
दुनिया को ये सब दिखा दिया।

मोदी को लगता है ये दुनिया,
भूल जाएगी ये सब कुछ।
बड़ा सा क़त्लेआम कहीं कराकर,
उसी में छुपा देंगे ये सब कुछ।

अब दुनिया भी ये जान चुकी है,
मोदी के इन कारनामों को।
गुंडागर्दी ये करता है,
बदनाम करता है ये औरों को।

शुरू कर दी है ये गुंडा-गर्दी,
आज से ही अब मोदी ने।
ख़ुद को गाली दिलाकर मंच से,
शोर मचा दिया है इसने दुनिया में।

मोदी को गाली दी है मंच से,
कैसे तुम चुप रह सकते हो।
झूठा ये षड्यंत्र चलाकर मोदी ने,
ललकारा है अपने सब गुंडों को।

तोड़-फोड़ कर दी है उन्होंने,
कांग्रेस के उन ठिकानों पे।
प्रशासन देख रहा था सब कुछ,
फिर भी रोक पाए ये।

अब मगरमच्छ के आँसू रोएगा,
दुनिया को ये बताएगा।
गालियाँ देते हैं ये मिलकर सारे,
बार-बार ये चिल्लाएगा।

वोट चोरी क्यों करता है मोदी,
इसका जवाब कभी देगा ये।
मुद्दों से भटका कर सबको,
बचना चाहता है इन सवालों से।

पप्पू जिसको कहता था ये अब तक,
अब पापा बन कर आया है वो।
घुमा रहा है वो अब इसकी फिरकी,
अब ये रोक पाएगा उसको।

शेरों की पहचान यही है,
रोक पाए कोई भी उनको।
जंगल में जब जाते हैं,
तब सभी देखते हैं बस उनको।

मोदी शेर नहीं है सबको पता है,
ये बिल में छुप कर जो रहता है।
पसीना छूट जाता है सभा में,
जब राहुल सामने जाता है।

ग्यारह साल से लगा हुआ है,
ये राहुल को पकड़वाने में।
जब शेर जैसी दहाड़ करता है राहुल,
ये घुस जाता है गुसलख़ाने में।

जिस दिन सत्ता बदली देश में,
उस दिन ये भाग पाएगा।
जिस झोले की बात करे ये,
वो झोला भी इसको ठुकराएगा।

सारा हिसाब तब जनता लेगी,
सारे मोदी के कारनामों का।
कहाँ लुटाया है जनता का पैसा,
जनता पकड़ेगी गिरेबान इनका।

डर में झूम रही हैं मोदी के,
सब नेता जो चोर हैं यहाँ।
सत्ता बदल जाएगी एक दिन,
तब फिर ये सब जाएंगे कहाँ।

लगी जागने अब सारी जनता,
पूछ रही है इन सबको।
अब तक क्या किया है तुमने,
आकर बताओ ये सब तुम हमको।

लूटा है तुमने जनता को,
ये सब कुछ तो दिखता है।
तुमने जो वादे किए थे हमसे,
उन वादों का कुछ नहीं दिखता है।

गद्दारो अब तुम छोड़ो हमको,
हमको तुम नहीं चाहिए अब।
तुम्हारा यहाँ पे क्या अब होगा,
हमें नहीं मालूम, बस अब ये जाने रब।

 


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