ब्राज़ीलियन मॉडल ने डाले वोट: राहुल गांधी ने किया भारत में चुनाव चोरी का पर्दाफाश

 ब्राज़ीलियन मॉडल ने डाले वोट: राहुल गांधी ने किया भारत में चुनाव चोरी का पर्दाफाश

लेखक:

Dr. राकेश शर्मा, राजनीतिक ब्लॉगर और कवि


English Version: https://rakeshinsightfulgaze.blogspot.com/2025/11/votes-cast-by-brazilian-model-rahul.html
Rahul Gandhi's Press Conference: https://www.youtube.com/watch?v=SX3wXvQXT6w

राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र की नींव को हिला देने वाला ख़ुलासा किया है। एक सार्वजनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सबूतों के साथ दिखाया कि कैसे बीजेपी ने चुनाव आयोग की मिलीभगत से हरियाणा में चुनाव को पूरी तरह से अपने पक्ष में मोड़ दिया। यह सिर्फ़ आरोप नहीं था  यह दस्तावेज़, वोटर आईडी, डेटा और गवाहियों पर आधारित पुख़्ता सबूत था।

राहुल ने बताया कि कैसे हरियाणा में वोट बनाए गए, हटाए गए, और कई बार डाले गए, ताकि बीजेपी की जीत सुनिश्चित की जा सके। सबसे हैरान करने वाला उदाहरण: एक वोटर आईडी पर ब्राज़ील की एक मॉडल की तस्वीर लगी थी, जिससे 22 बार वोट डाले गए। एक और मामले में, एक महिला की तस्वीर को 223 अलग-अलग वोटर आईडी पर इस्तेमाल किया गया।

इतना ही नहीं  राहुल ने यह भी दिखाया कि बीजेपी के कई नेता और समर्थक एक से अधिक राज्यों में वोटर आईडी रखते हैं, और उन सब जगहों पर वोट डालते हैं। राहुल गांधी के मुताबिक, सिर्फ़ हरियाणा में ही 25 लाख फर्जी वोट डाले गए। और ये आंकड़ा कोई छोटा मोटा फ़र्क़ नहीं करता  इसने पूरे राज्य का चुनाव परिणाम पलट दिया।

और फिर आता है सबसे खतरनाक बयान  हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था कि "बीजेपी के पास चुनाव जीतने के सारे उपकरण हैं" उस वक़्त यह घमंड लगा था, अब यह एक तरह का इक़रार लगता है।

अगर राहुल गांधी का दावा झूठा होता, तो सरकार अब तक एफआईआर दर्ज करवा चुकी होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कोई कानूनी कार्रवाई, कोई तर्कसंगत खंडन। चुनाव आयोग, जिसे सबसे पहले इसकी जांच करनी चाहिए थी, चुप्पी साधे बैठा है। सरकार की तरफ़ से एकमात्र प्रतिक्रिया: किरेन रिजिजू की प्रेस कॉन्फ्रेंस, जहाँ उन्होंने एक भी सवाल नहीं लिया। यह चुप्पी नहीं, यह स्वीकृति है।

मैं भारत से बाहर रहकर भी भारतीय राजनीति पर नज़र रखता हूं। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मेरी ऑनलाइन बातचीत एक महिला से होती थी, जिसने खुद को जम्मू की रहने वाली और बीजेपी की आईटी सेल की सदस्य बताया था। उसका नाम था कुसुम गुप्ता। पेशे से वह चार्टर्ड अकाउंटेंट थी और दो साल की लॉ की पढ़ाई भी कर चुकी थी। वह मोदी और बीजेपी की कट्टर समर्थक थी।

उसने मुझे बताया कि वो दिल्ली आई है। जब मैंने उससे पूछा कि क्या वो अवैध रूप से वोट डालने आई है, तो उसने इंकार नहीं किया। बल्कि जिस आत्मविश्वास से उसने कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य AAP नेता हारने वाले हैं, और बीजेपी सरकार बनाएगी  उससे साफ़ लग रहा था कि नतीजे पहले से तय थे। यह कोई अटकल नहीं थी  यह अंदर की जानकारी थी।

मैंने उस वक़्त आम आदमी पार्टी के दफ्तर को फोन करके इस अवैध गतिविधि की आशंका जताई। लेकिन किसी ने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया। अब जब राहुल गांधी ने वही मॉडल सामने रखा है, जो मैंने उस बातचीत में महसूस किया था  तो यह बात और भी स्पष्ट हो गई है कि यह एक सोची-समझी योजना थी।

यह सिर्फ़ हरियाणा या दिल्ली की बात नहीं है। यह पूरे चुनाव तंत्र की सड़ांध को उजागर करता है। जब लाखों वोट फर्जी ढंग से डाले जा सकते हैं, जब एक व्यक्ति की तस्वीर से सैकड़ों वोट बनाए जा सकते हैं, और जब एक पार्टी के समर्थक कई राज्यों में वोट डाल सकते हैं  तो यह लोकतंत्र नहीं रहा, यह धोखाधड़ी है।

चुनाव आयोग अब निष्पक्ष संस्था नहीं रहा। वह सत्ता पक्ष का उपकरण बन चुका है। और सुप्रीम कोर्ट, जिसके पास पूरी संवैधानिक शक्ति है  वह अब तक ख़ामोश है। अगर कोर्ट अब भी कार्रवाई नहीं करता, तो इतिहास उसे भी इस षड्यंत्र का मूक भागीदार मानेगा।

2024 के आम चुनाव से पहले भारत में बीजेपी के खिलाफ माहौल था। महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, और संस्थाओं के पतन ने जनता को नाराज़ कर रखा था। बीजेपी की रैलियों में भीड़ कम थी, जबकि विपक्षी पार्टियों की सभाओं में ज़बरदस्त जोश था। लेकिन नतीजे पूरी तरह उल्टे निकले। यह तब ही संभव है जब चुनाव लड़ा नहीं गया हो  सेट किया गया हो।

अब भारत की सत्ता जनता के हाथ में नहीं, बल्कि उन लोगों के हाथ में है जिन्होंने सिस्टम को हैक कर लिया है। यह शासन नहीं है  यह लोकतंत्र पर कब्ज़ा है। राहुल गांधी ने जो किया है, वह असाधारण है। उन्होंने सिर्फ़ हिम्मत दिखाई है, बल्कि उस मशीनरी का चेहरा उजागर किया है जो इस देश की चुनाव प्रक्रिया को नकली बना चुकी है।

जब तक इस पूरे मामले की निष्पक्ष, सार्वजनिक और कानूनी जांच नहीं होती  तब तक यह सरकार वैध नहीं, संदिग्ध बनी रहेगी। और जब तक वोट डाले जाने से पहले ही नतीजे तय हों  तब तक यह लोकतंत्र नहीं, उसकी सिर्फ़ परछाई है।


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