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Showing posts from April, 2025

Breaking News: Who Is the गद्दार / Traitor? Take a Number

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  Breaking News: Who Is the गद्दार / Traitor? Take a Number In the latest episode of "Who’s the Real Deshbhakt?" , we explore a thrilling new trend: if you question the BJP’s policies, or worse—gasp—ask for actual accountability, congratulations! You’ve just been promoted to Gaddar —that’s “traitor,” for those not fluent in the patriotism police’s vocabulary. No evidence needed. No debate required. Just dare to criticize and watch the labels fly faster than government debt. Speaking of numbers, remember when India’s national debt was ₹55 lakh crore before 2014? Well, buckle up: ten years later, it’s over ₹196 lakh crore. But we’re told not to worry—our economic future is safe in the hands of the same leadership that sold off public assets, including national airlines, ports, and key infrastructure, to a select circle of corporate cronies. Apparently, “Nation First” now comes with an asterisk and a shareholders' agreement. Let’s rewind for a second and define Gaddar . It m...

मुगले आज़म

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  मुगले आज़म कुछ पल पहले ही यहाँ पर मुझको किसी ने ऐसे पहचान लिया मुग़ल-ए-आज़म कहकर बुलाया मुझको इतना बड़ा सम्मान दिया जब मैंने फिर देखा उसको मोदी भक्ति में थी वो लीन पड़ी हरा-हरा सब दिखता उसको ये सारी दुनिया जो रंगीन पड़ी उसको नहीं दिखते मोदी के झूठ जो सारे वो कहता है चोरी वोटों की करता वो अंधकार में सबको रखता है हम दूर से बैठ कर देखें ये सब जो काम किए हैं मोदी ने ईमानदारों को इसने चोर बताकर कमी न छोड़ी सत्ता छीनने में अब रो रही है दिल्ली की जनता सरकार बना के दी बीजेपी को हर वादा अब जुमला दिखता है दिल्ली के अब लोगों को मोदी सीना पीट के कहता दिल्ली  की  सब महिलाओं को २५०० रुपये में सबको दूंगा अगर जाकर तुम मुझको वोट दो सारी सुविधाएँ जो दी हैं केजरीवाल ने वो सारी सुविधाएँ मिलेंगी तुम्हें उससे भी ज़्यादा बढ़कर करेंगे जो अब नहीं है मिला भी तुम्हें पहले स्कूलों में फ़ीस बढ़ा दी फिर बस सेवा भी कर दी कम मुहल्ला क्लिनिक अब बंद पड़े हैं जाकर अब तोड़ो अस्पतालों में दम अब पता चला है दिल्ली की जनता को असली नेता कौन होता है जो टैक्स में पैस...

खून, झूठ और वोट: भारत के असली दुश्मन बम नहीं, सूट पहनते हैं

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  खून , झूठ और वोट : भारत के असली दुश्मन बम नहीं , सूट पहनते हैं बहादुर नेता तथा कायर गुफा में छुपने वाला चूहा https://www.youtube.com/watch?v=QNIP-rukwpQ   भारत की सबसे बड़ी त्रासदी किसी एक आतंकी हमले , किसी एक भ्रष्ट सरकार , या किसी एक चुराए गए चुनाव में नहीं छिपी है। यह कुछ और गहरा है — पीढ़ियों तक चली वह ट्रेनिंग , जिसमें कल्पना और सच्चाई में फर्क करना सिखाया ही नहीं गया। पहले यह महाभारत के बीच हवा में रुकी सेनाओं और बालक कृष्ण के राक्षस वध के किस्सों में था। आज यह "5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था ", " स्वच्छ यमुना ", और " पाकिस्तान को पानी बंद " जैसे झूठे नारों में है। पोशाकें बदल गईं , लेकिन स्क्रिप्ट वही है — अंधभक्ति , तर्क पर भारी। तो जब आज गोदी मीडिया झूठ परोसती है , तो अधिकतर भारतीय बिना पलक झपकाए उसे सच मान लेते हैं — भले ही स्वतंत्र आंकड़े , कठोर प्रमाण और स्वयं श्री शंकराचार्य जी जैसे सम्मानित नेता हर शब...

Blood, Lies, and Votes: How India’s Real Enemies Wear Suits, Not Bombs

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  Blood, Lies, and Votes: How India’s Real Enemies Wear Suits, Not Bombs https://www.youtube.com/watch?v=QNIP-rukwpQ India’s greatest tragedy isn’t a single terrorist attack, a single corrupt government, or even a single stolen election. It’s something deeper: generations trained to confuse fantasy with fact — first through mythology, now through the nightly news. Once it was baby Krishna slaying demons and armies freezing midair in the Mahabharata. Today it’s “5 trillion-dollar economy,” “clean Yamuna,” and “stopping water to Pakistan.” The costumes have changed. The script — blind faith over critical thinking — remains the same. So when Godi Media lies today, most Indians accept it without a second thought — even when hard evidence, independent data, and voices like Shri Shankaracharya Ji stand ready to debunk every word. Yet Modi’s government isn’t the only guilty party. We must also confront a brutal truth: If Islamic teachings glorify violence against non-believer...

अंध भक्तों की टोली Andh bhakton ki toli

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  अंध भक्तों की टोली Please check this link : https://www.youtube.com/shorts/D_y2xrMEVpc Please Share this poem   अंध भक्तों की टोली देखो घूम रही है जंगल में मालूम नहीं इन्हें करना क्या है फँस गई हैं ये उलझन में   अंधे को देश की कमान पकड़वा दी कहते हैं इसको तुम पूजो सब जो भी ये कहता है कर लो मान के इसको अपना रब   कभी ये चाय बेचता था वहाँ पे तब रब ने इसे बुलाया था पत्नी को दो दिन में छोड़ा रब के पास ये चला आया था   पैंतीस साल तक भीख मांग कर रब ने उसे उठाया था नफरत से भर दिया था इसको किसी को कुछ समझ नहीं आया था   झूठ बोल कर जनता को बहकाया माया का जाल फैलाया था लूटा फिर जनता को भर कर जुमलों का हार पहनाया था   नफरत से ये देश चलाए बातें करे संस्कारों की बलात्कारियों को जेल से छुड़वाकर बरसात की उनपे हारों की   ऐसे संस्कारों वाले ये नेता हमारे औरतों को भी ये छोड़ें ना तीन हज़ार बलात्कार करने वाले नेताओं से ये कभी अपना मुँह मोड़े ना   हवस है इनको सत्ता की इतनी पुलवामा भी इन्होंने करवा दिया श...

मोदी का गायब होना: जब आतंक मचता है, तब सर्कस शहर छोड़ देता है

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  मोदी का गायब होना : जब आतंक मचता है , तब सर्कस शहर छोड़ देता है एक बार फिर कश्मीर में आतंकवादी हमला हुआ। लोग मारे गए। और नरेंद्र मोदी — वही व्यक्ति जो कभी भी रैली , फोटोशूट या अपने नाम पर स्टेडियम का नामकरण करने का मौका नहीं छोड़ते — कहीं नज़र नहीं आए । ना सर्वदलीय बैठक में , जहाँ राष्ट्रीय एकता दिखाई जानी चाहिए थी। ना जनता के दुख में शरीक होने। और ना ही समस्या को गंभीरता से लेने में। पर चलिए , प्राथमिकताएं समझिए। शायद कहीं कोई सेल्फी अभी भी परफेक्ट लाइटिंग का इंतजार कर रही थी। जब अंधभक्ति नेतृत्व की जगह ले लेती है , तो त्रासदी बस एक और न्यूज़ साइकल बन जाती है। बीजेपी के भक्त तुरंत हरकत में आ गए। आतंकवादी हमले के लिए सरकार से जवाबदेही माँगने के बजाय , उन्होंने फिर वही रटी - रटाई स्क्रिप्ट दोहरानी शुरू कर दी — यमुना नदी की " सफाई " की महान उपलब्धि ! एक ऐसा प्रोजेक्ट जो अब भ्रष्टाचार की टेक्स्टबुक केस स्टडी बन चुका है। जब पूछा ग...